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किस तरह हुस्न वालों की ज़मीं को मैं बंजर कह दूं,
बहुत मेहनत की है इस पर प्रेम की फसल उगाने में ।
________________हर्ष महाजन
किस तरह हुस्न वालों की ज़मीं को मैं बंजर कह दूं,
बहुत मेहनत की है इस पर प्रेम की फसल उगाने में ।
________________हर्ष महाजन
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