...
उनका हर जुनून मेरे लिए कहर का सबब है,
अबकि उनका प्यार मेरी हस्ती ही बदल गया ।
किस तरह मिटाऊँ अब हाथ की नयी लकीरों को ,
मेरी ज़िंदगी में पांब रखते ही सब खलल गया ।
–--–---–------हर्ष महांजन
उनका हर जुनून मेरे लिए कहर का सबब है,
अबकि उनका प्यार मेरी हस्ती ही बदल गया ।
किस तरह मिटाऊँ अब हाथ की नयी लकीरों को ,
मेरी ज़िंदगी में पांब रखते ही सब खलल गया ।
–--–---–------हर्ष महांजन
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