व्यंग
++++++
मैं धृतराष्ट्र हूँ !
महाभारत में जन्मांध था ,
और अब
बना दिया गया हूँ ।
पहले बोलता था,
पर कोई मानता नही था ।
ये कलयुग है ।
इसलिए
बोलता नहीं हूँ ।
उस वक़्त ! पांडवों को
ठग कर,
हस्तीनापुर पे राज किया,
अब
पूरी जनता को
बेवक़ूफ़ बनाकर,
हिन्दुस्तान पे कर रहां हूँ ।
मगर अब!!!
सहारा चाहिए,
इक शकुनि का,
महाभारत वाला नहीं ?
कोई
'आम' सा !!
------हर्ष महाजन
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मैं धृतराष्ट्र हूँ !
महाभारत में जन्मांध था ,
और अब
बना दिया गया हूँ ।
पहले बोलता था,
पर कोई मानता नही था ।
ये कलयुग है ।
इसलिए
बोलता नहीं हूँ ।
उस वक़्त ! पांडवों को
ठग कर,
हस्तीनापुर पे राज किया,
अब
पूरी जनता को
बेवक़ूफ़ बनाकर,
हिन्दुस्तान पे कर रहां हूँ ।
मगर अब!!!
सहारा चाहिए,
इक शकुनि का,
महाभारत वाला नहीं ?
कोई
'आम' सा !!
------हर्ष महाजन
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