Sunday, March 23, 2014

हे अर्जुन ! --- व्यंग

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व्यंग
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हे अर्जुन !
नारित्व का
इतना बड़ा अपमान ?
अपनी ही पत्नी को.
बाँट लिया,
पाँचों भाईयों में,
एक समान ?



___हर्ष महाजन 

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