Saturday, November 3, 2012

कितना रंगीन है दिन बहुत मुबारक ये समां,

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कितना रंगीन है दिन बहुत मुबारक ये समां,
कितना नायाब है ये तुझको मुबारक ये जहाँ |
तुझसे हम दूर ही सही भेजी दुआओं की फिजां,
तेरे जन्मदिन से सजा है आज सारा ही जहाँ |

तू है वो फूल जो दिल का मेरे गुलशन में खिला,
जिसपे करती  है फलक से फख्र तेरी दादी माँ | 
तेरी हर चाह पर कुर्बान हो सारी खुशियाँ ,
तुझे सब रक्खेंगे हथेली पर छालों की तरहां |

या खुदा कैसे करूँ शुक्र इस दिन के लिए,
भेजा है तुझको बना बेटी अब मेरे लिए |
जन्म-दिन तेरा पर तुझको मुबारक मैं क्यूँ दूं
मेरी बेटी कि मुबारक है खुद मैं क्यूँ न लूं |

मेरी हर सांस की दुआओं में मुबारक बरसे
तेरे जन्म-दिन पे फलक से ये सितारे बरसे|



________________हर्ष महाजन

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