...
चंदा फलक से लुप्त हुआ, अमावस की पुकार |
दीपक अपनी जात से, बाँट रहे उजियार ||
चंदा फलक से लुप्त हुआ, अमावस की पुकार |
दीपक अपनी जात से, बाँट रहे उजियार ||
फुल्झड़ियाँ धुआं छोड़तीं,
करें पटाखे शोर |
पर्यावरण की खातिर, इनसे नाता तोड़ ||
पर्यावरण की खातिर, इनसे नाता तोड़ ||
जेब सभी की शुब्द
हुई, बाल लगाएं घात |
छोड़ पटाखे रात-दिन, हुआ जेब आघात ||
छोड़ पटाखे रात-दिन, हुआ जेब आघात ||
कितने दीये जल उठे,
कितने हैं तैयार |
टूटे रिश्ते जोड़ दे , दिवाली त्यौहार ||
__________हर्ष महाजन
टूटे रिश्ते जोड़ दे , दिवाली त्यौहार ||
__________हर्ष महाजन
No comments:
Post a Comment