Thursday, March 21, 2013

वो शख्स मेरे पुराने अहसासों पर मरने लगा

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वो शख्स मेरे पुराने अहसासों पर मरने लगा,
जो पन्नों पर दर्ज था बेझिझक चरने लगा |
कैसे बुझाऊँ आग धधकने लगी जो दिल में ,
वलवला जो शांत था फिर से हरकत करने लगा |

________________हर्ष महाजन

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