...
आज आँखों में अश्क बन के तु आया भी बहुत,
याद बन तूने ख्यालों में रुलाया भी बहुत |
आज मुझको तो जुदाई के सिवा कुछ न मिला ,
जो किए तूने सितम उसने सताया भी बहुत |
अब तलक आँखों में अश्कों को उभरने न दिया,
चेहरा हाथों में तेरे रख के दिखाया भी बहुत |
ज़िंदगी मेरी शुरू तुझसे थी तुझपे थी ख़तम,
नाम मिटटी पे तिरा लिख के मिटाया भी बहुत |
तू समझता भी नहीं अब तू न समझेगा कभी,
इश्क था पाक तुझसे, मैंने छुपाया भी बहुत |
_______________हर्ष महाजन
बहर
2122 2122 2122 212
आज आँखों में अश्क बन के तु आया भी बहुत,
याद बन तूने ख्यालों में रुलाया भी बहुत |
आज मुझको तो जुदाई के सिवा कुछ न मिला ,
जो किए तूने सितम उसने सताया भी बहुत |
अब तलक आँखों में अश्कों को उभरने न दिया,
चेहरा हाथों में तेरे रख के दिखाया भी बहुत |
ज़िंदगी मेरी शुरू तुझसे थी तुझपे थी ख़तम,
नाम मिटटी पे तिरा लिख के मिटाया भी बहुत |
तू समझता भी नहीं अब तू न समझेगा कभी,
इश्क था पाक तुझसे, मैंने छुपाया भी बहुत |
_______________हर्ष महाजन
बहर
2122 2122 2122 212
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