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मुझे मेरे ही अहसास जीने नहीं देते,
ज़ख्मों के अंबार मुझे पीने नहीं देते |
दर्द जो भूलने लगें चरम मेरे ज़ख्मों की ,
आज वो चादर दिल की सीने नहीं देते |
______________हर्ष महाजन
मुझे मेरे ही अहसास जीने नहीं देते,
ज़ख्मों के अंबार मुझे पीने नहीं देते |
दर्द जो भूलने लगें चरम मेरे ज़ख्मों की ,
आज वो चादर दिल की सीने नहीं देते |
______________हर्ष महाजन
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