Monday, July 2, 2012

कितना खुश था औ कितना मेहरबाँ था मैं

..

कितना खुश था औ कितना मेहरबाँ था मैं
तुम मिले तो यूँ लगा कितना तन्हा था मैं ।

_____________हर्ष महाजन ।

No comments:

Post a Comment