Thursday, July 12, 2012

जब भी मिलते हैं तो अहसास रवां होते हैं

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जब भी मिलते हैं तो अहसास रवां होते हैं
दिल में खुशियाँ भी हैं गम साथ बयाँ होते हैं ।

दिल है बेताब सुनाने को रुदादें अपनीं,
ऐसे हालात भी आँखों में अयाँ होते हैं ।

उसने चाहा तो ये दिल है कि माना ही नहीं
दिल के हालात भी इकसार कहाँ होते हैं ।

उसकी यादों की कतारों ने न छोड़ा जब भी
होंठ सिल जाते हैं पर अश्क जुबां होते हैं ।

टूट जाएगा ये दिल शीशे सा नाज़ुक है 'हर्ष'
बे-वज़ह इश्क के चर्चे भी जहां होते हैं

___________हर्ष महाजन ।

2 comments:

  1. सभी शेर बहुत सुन्दर, दाद स्वीकारें.

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    1. डॉ. जेन्नी शबनम ji bahoot bahot shukriyaa aapko sher pasand aaye.....

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