Thursday, July 26, 2012

रगों में खून की रफ़्तार मुझे इत्लाह देती है

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रगों में खून की रफ़्तार मुझे इत्लाह देती है
मेरे गुज़रे पलों से इक नया पैगाम आया है |

मेरी रिसती हुई यादों से आँखें झूमती हैं क्यूँ
मेरी नस-नस में उनका यूँ लगे सलाम आया है |

________________हर्ष महाजन

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