Tuesday, July 24, 2012

परेशान हूँ अहसासों में ईमान देख कर

परेशान हूँ अहसासों में ईमान देख कर
आजकल ग़ज़लों का अंजाम देख कर
शेरों में रंग वो नहीं ग़ज़लों में हो जो अब
क्या कहूं ग़ज़लों का रस तमाम देख कर |

__________हर्ष महाजन

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