परेशान हूँ अहसासों में ईमान देख कर
आजकल ग़ज़लों का अंजाम देख कर
शेरों में रंग वो नहीं ग़ज़लों में हो जो अब
क्या कहूं ग़ज़लों का रस तमाम देख कर |
__________हर्ष महाजन
आजकल ग़ज़लों का अंजाम देख कर
शेरों में रंग वो नहीं ग़ज़लों में हो जो अब
क्या कहूं ग़ज़लों का रस तमाम देख कर |
__________हर्ष महाजन
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