Wednesday, November 19, 2014

मुझ पर परवाज़ की तोहमत न लगाओ ‘हर्ष’,



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मुझ पर परवाज़ की तोहमत न लगाओ हर्ष’,
मेरी ज़िन्दगी का मरकज़ अब तू ही तो है |

______________हर्ष महाजन


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Mujh par mere parvaaz kii tohmat na lagao ‘harash’,
Meri  zindagi ka markaz……………….ab tu hi toh hai.

_____________Harash Mahajan

Markaz= kendra bindu
Parvaaz = uidaan

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