...
कुछ तनहा हो रही है महफ़िल,
नए मनके पिरो रही है महफ़िल |
नए मनके पिरो रही है महफ़िल |
ख्वाब और उम्मीद हैं तो बहुत,
मगर अभी सो रही है महफ़िल |
किस तरह ज़लवा फिरोश होगी,
कुछ नफरत ढो रही है महफ़िल|
खाली हैं कुछ पहर कुछ मरहले,
शायद कुछ बो रही है महफ़िल |
कुछ पहरेदार...........बढाने होंगे,
दिन में लो खो रही है महफ़िल |
_______हर्ष महाजन
Kuch tanha.........ho rahi hai mehfil
Khwaab our umeed haiN toh bahut,
Kis tarah................jalwa-firosh hogi,
Khali haiN kuch pehar kuch marhale,
Kuch pehredaar....badhaane hoNge,
मनके=मोती
लो = रौशनी
ढो = Dho
मगर अभी सो रही है महफ़िल |
किस तरह ज़लवा फिरोश होगी,
कुछ नफरत ढो रही है महफ़िल|
खाली हैं कुछ पहर कुछ मरहले,
शायद कुछ बो रही है महफ़िल |
कुछ पहरेदार...........बढाने होंगे,
दिन में लो खो रही है महफ़िल |
_______हर्ष महाजन
...
Kuch tanha.........ho rahi hai mehfil
Naye manke......piro rahi hai mehfil.
Khwaab our umeed haiN toh bahut,
Magar abhi..........so rahi hai mehfil.
Kis tarah................jalwa-firosh hogi,
kuch nafrat.........Dho rahi hai mehfil.
Khali haiN kuch pehar kuch marhale,
Shayad kuch.........bo rahi hai mehfil.
Kuch pehredaar....badhaane hoNge,
Din meiN lo..........kho rahi hai mehfil.
_______Harash Mahajan
मनके=मोती
लो = रौशनी
ढो = Dho
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