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मेरी जिंद का ये सफ़र इस तरह तमाम किया,
लिख रुक्सत मुझे खुदा ने......अहतराम किया |
उसकी महफ़िल में तल्ख़ आब तो बहुत है मगर,
सकूंन-ए-ज़िंदगी का........यूँ ही इंतजाम किया |
________________हर्ष महाजन
मेरी जिंद का ये सफ़र इस तरह तमाम किया,
लिख रुक्सत मुझे खुदा ने......अहतराम किया |
उसकी महफ़िल में तल्ख़ आब तो बहुत है मगर,
सकूंन-ए-ज़िंदगी का........यूँ ही इंतजाम किया |
________________हर्ष महाजन
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