...
बे-हिसाब हुए हैं बलवे दिल में उसके मेरी खातिर,
कितने ही अरमान हुए हैं आशकारा मेरी खातिर ।
सरे-राह जब उस शख्स ने पुकारा मुझे बेरहमी से ,
तो खुदा ने हक़ीकतन ज़मीं पे उतारा मेरी खातिर ।
---------------------हर्ष महाजन
[आशकारा = प्रकट
बे-हिसाब हुए हैं बलवे दिल में उसके मेरी खातिर,
कितने ही अरमान हुए हैं आशकारा मेरी खातिर ।
सरे-राह जब उस शख्स ने पुकारा मुझे बेरहमी से ,
तो खुदा ने हक़ीकतन ज़मीं पे उतारा मेरी खातिर ।
---------------------हर्ष महाजन
[आशकारा = प्रकट
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