...
क्यूँ है काबिज़ वो ज़हन में कहीं बन के इक ख्याल,
वो तो गुजरा हुआ कल था कहीं जुल्फों का खुमार |
हम तो कायल थे लबों के पिए थे जाम-ओ-जमाल,
सागर-ए-जाम आज बदला है बना जाम-ए-सिफाल |
वो तो गुजरा हुआ कल था कहीं जुल्फों का खुमार |
हम तो कायल थे लबों के पिए थे जाम-ओ-जमाल,
सागर-ए-जाम आज बदला है बना जाम-ए-सिफाल |
_____________हर्ष महाजन
जाम-ए-सिफाल = clay cup
जाम-ए-सिफाल = clay cup
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