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प्यार में गाफिल थे वो इस कदर कि मुझे पज़ल कर दिया,
मेरे कहे कुछ अहसासों को उसने पल में हज़ल कर दिया ।
कुछ शेर जो कहे थे फुर्सत में मैंने उसकी ज़ुल्फ़ों पे कभी,
दे कर साज़-ओ- आवाज़ उसने , उन्हें ग़ज़ल कर दिया ।
_____________________हर्ष महाजन
प्यार में गाफिल थे वो इस कदर कि मुझे पज़ल कर दिया,
मेरे कहे कुछ अहसासों को उसने पल में हज़ल कर दिया ।
कुछ शेर जो कहे थे फुर्सत में मैंने उसकी ज़ुल्फ़ों पे कभी,
दे कर साज़-ओ- आवाज़ उसने , उन्हें ग़ज़ल कर दिया ।
_____________________हर्ष महाजन
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