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दिल में तस्वीर जो उसकी पर करूँ न मैं ज़िकर,
उसकी मुस्कान पे निर्भर है मेरी ज़िंद का सफ़र ।
ऐ खुदा तेरा जहां तो .…… है चिरागों का मगर,
मेरे साहिल के सिवा दुनियाँ में हैं सब ही सिफर ।
_______________हर्ष महाजन
दिल में तस्वीर जो उसकी पर करूँ न मैं ज़िकर,
उसकी मुस्कान पे निर्भर है मेरी ज़िंद का सफ़र ।
ऐ खुदा तेरा जहां तो .…… है चिरागों का मगर,
मेरे साहिल के सिवा दुनियाँ में हैं सब ही सिफर ।
_______________हर्ष महाजन
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