!!!!!!-----मेरी फेसबुक----!!!!!!
आजकल अस्त-व्यस्त हो रहा हूँ मैं ,
शायद खुद में.....मस्त हो रहा हूँ मैं ।
फेसबुक पर, क्या खोया क्या पाया,
मनन कर अब ध्वस्त हो रहा हूँ मैं ।
कुछ मिले दोस्त यहाँ कुछ दुश्मन भी ,
छुट जायेंगे, सोच, पस्त हो रहा हूँ मैं ।
कर रहा हूँ शोध खुद कही तहरीरों का,
बस यूँ समझिये आश्वस्थ हो रहा हूँ मैं ।
वक़्त का अम्बार दिया है यहाँ मैनें,
शायद इसीलिए निरस्त हो रहा हूँ मैं ।
चाँद नहीं निकला रात भी ख़तम हुई ,
शायद सूरज सा, अस्त हो रहा हूँ मैं ।
कितना लगता था बुरा 'अलविदा' शब्द,
सही था, इसीलिए तटस्थ हो रहा हूँ मैं ।
आओ कुछ ऐसा कह दें उम्र भर याद रहे ,
कुछ कहूंगा ? सोच पस्त हो रहा हूँ मैं ।
___________हर्ष महाजन
आजकल अस्त-व्यस्त हो रहा हूँ मैं ,
शायद खुद में.....मस्त हो रहा हूँ मैं ।
फेसबुक पर, क्या खोया क्या पाया,
मनन कर अब ध्वस्त हो रहा हूँ मैं ।
कुछ मिले दोस्त यहाँ कुछ दुश्मन भी ,
छुट जायेंगे, सोच, पस्त हो रहा हूँ मैं ।
कर रहा हूँ शोध खुद कही तहरीरों का,
बस यूँ समझिये आश्वस्थ हो रहा हूँ मैं ।
वक़्त का अम्बार दिया है यहाँ मैनें,
शायद इसीलिए निरस्त हो रहा हूँ मैं ।
चाँद नहीं निकला रात भी ख़तम हुई ,
शायद सूरज सा, अस्त हो रहा हूँ मैं ।
कितना लगता था बुरा 'अलविदा' शब्द,
सही था, इसीलिए तटस्थ हो रहा हूँ मैं ।
आओ कुछ ऐसा कह दें उम्र भर याद रहे ,
कुछ कहूंगा ? सोच पस्त हो रहा हूँ मैं ।
___________हर्ष महाजन
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