...
बदली में है चाँद दीवाना पूछेगा,
मुझको मेरा यार पुराना पूछेगा |
शक्ल से मेरी नफरत उसको बेपनाह ,
खो गए तो ठोर ठिकाना पूछेगा |
इन्तहा यूँ ज़ुल्म की लगता हो गयी,
करके वो मुझको बेगाना पूछेगा |
जाग उठे नफरत न मेरे दिल में अब,
फिर वो मिलने का बहाना पूछेगा |
टूटी जो तस्वीर लिए था दिल में 'हर्ष'
कहाँ गयी सारा ज़माना पूछेगा |
हर्ष महाजन
अतीत के पन्नों से
बदली में है चाँद दीवाना पूछेगा,
मुझको मेरा यार पुराना पूछेगा |
शक्ल से मेरी नफरत उसको बेपनाह ,
खो गए तो ठोर ठिकाना पूछेगा |
इन्तहा यूँ ज़ुल्म की लगता हो गयी,
करके वो मुझको बेगाना पूछेगा |
जाग उठे नफरत न मेरे दिल में अब,
फिर वो मिलने का बहाना पूछेगा |
टूटी जो तस्वीर लिए था दिल में 'हर्ष'
कहाँ गयी सारा ज़माना पूछेगा |
हर्ष महाजन
अतीत के पन्नों से
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