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कुछ तो गम मुझ को करीने से सजा लेने दो,
कुछ जो पलकों में हैं शबनम का मजा लेने दो |
,
चाँद छुओगे तो लगता है वो रेशाम की तरह,
पर ज़ख्म इतने मिले दिल को क़ज़ा लेने दो |
कुछ जो पलकों में हैं शबनम का मजा लेने दो |
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चाँद छुओगे तो लगता है वो रेशाम की तरह,
पर ज़ख्म इतने मिले दिल को क़ज़ा लेने दो |
______________हर्ष महाजन
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