Tuesday, May 26, 2015

कुछ तो गम मुझ को करीने से सजा लेने दो


...

कुछ तो गम मुझ को करीने से सजा लेने दो,
कुछ जो पलकों में हैं शबनम का मजा लेने दो |
,
चाँद छुओगे तो लगता है वो रेशाम की तरह,
पर ज़ख्म इतने मिले दिल को क़ज़ा लेने दो |

______________हर्ष महाजन

No comments:

Post a Comment