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ऐ मौत तुझ से मैं डरता नहीं हूँ पर
तेरी दस्तक मुझे जीने नहीं देती ।
______________हर्ष महाजन
ऐ मौत मैं डरता नहीं तुझसे मगर तू सुन
दस्तक तिरी मुझको कभी जीने नहीं देती ।
मय से भरे शीशे में जब तू ही नज़र आये
आंसू भी मुझको चैन से पीने नहीं देती ।
_____________हर्ष महाजन ।
ऐ मौत तुझ से मैं डरता नहीं हूँ पर
तेरी दस्तक मुझे जीने नहीं देती ।
______________हर्ष महाजन
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दस्तक तिरी मुझको कभी जीने नहीं देती ।
मय से भरे शीशे में जब तू ही नज़र आये
आंसू भी मुझको चैन से पीने नहीं देती ।
_____________हर्ष महाजन ।
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