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टूट चुका हूँ मैं औ मेरे, अहसास सब बिखर गए,
कुछ जुबां पे ठहर गए, न जाने कुछ किधर गए ।
दिल के बागबाँ में मेरे, खिलने को फूल थे बहुत
कुछ तो मेरे संग रहे, और कुछ इधर-उधर गए ।
_______________हर्ष महाजन ।
written at my timeline 4 hours before
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कुछ तो मेरे संग रहे, और कुछ इधर-उधर गए ।
_______________हर्ष महाजन ।
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