Saturday, August 4, 2012

सबरी उम्र जु संग रहे, करे निरंतर प्यार

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सबरी उम्र जु संग रहे, करे निरंतर प्यार
इंसानी फितरत वही , दिये सदा दुत्कार ।

दिये सदा दुत्कार जो, वहीँ अश्क बहाय
जो किये परवाह सदा, उन्हें सदा रूलाय ।


दिमाग करि मन चाकरी, इन्द्रियाँ बनि बकरी
असल गुनाह यु मन करे, इन्द्री जाए पकड़ी ।


शायरी मिरि अर्धांगिनी, शायरी मेंरि जान
जिस दिन कहुं अहसास सब, बन जाऊं सुलतान ।



__________________हर्ष महाजन ।

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