...
थी उसकी रंजिशें तो.....हमने यार छोड़ दिया,
गरज भी उसकी मगर हमने प्यार छोड़ दिया |
गज़ब की थीं नसीहतें.....जो तनहा कर गयीं,
जिसे था छोड़ा उसने.......ऐतबार छोड़ दिया |
गुमाँ था ये की शख्स, वो खुदा से कम न था,
अना भी इस कदर, खुदा ने द्वार छोड़ दिया |
न जाने कैसे ये गुनाह........हमने कर लिया,
हौले-हौले तनहा कर........बीमार छोड़ दिया |
_____________हर्ष महाजन
थी उसकी रंजिशें तो.....हमने यार छोड़ दिया,
गरज भी उसकी मगर हमने प्यार छोड़ दिया |
गज़ब की थीं नसीहतें.....जो तनहा कर गयीं,
जिसे था छोड़ा उसने.......ऐतबार छोड़ दिया |
गुमाँ था ये की शख्स, वो खुदा से कम न था,
अना भी इस कदर, खुदा ने द्वार छोड़ दिया |
न जाने कैसे ये गुनाह........हमने कर लिया,
हौले-हौले तनहा कर........बीमार छोड़ दिया |
_____________हर्ष महाजन
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