Saturday, June 14, 2014

मिले जो तुम तो ये पर्दा ज़हन से सरका है


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मिले जो तुम तो ये पर्दा...ज़हन से सरका है,
लगा ज्यूँ सदियों बाद ये दिल मेरा धड़का है |
संभालो बाँध शहर के....लहर से टूट न जाएँ,
कि मेरी आँखों से अब तनहा प्यार छलका है |

___________हर्ष महाजन


Mile jo tum to ye parda................zahan se sarka hai,
lagaa jyuN sadiyoN baad......ye dil mera dhadka hai.
Sambhalo baandh shahar ke laher se toot na jaayeN,
Ki meri aankhoN se.......ab tanhaa pyaar chhalka hai.

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