...
इस कदर हमने किया...तुझसे प्यार ऐ साकी,
जिस तरह गम में चलें जाम-ए-यार ऐ साकी |
जब तलक होता नहीं दिल की चाहत का ज़िक्र,
किस तरह उबले गा दिल का गुबार ऐ साकी |
______________हर्ष महाजन
इस कदर हमने किया...तुझसे प्यार ऐ साकी,
जिस तरह गम में चलें जाम-ए-यार ऐ साकी |
जब तलक होता नहीं दिल की चाहत का ज़िक्र,
किस तरह उबले गा दिल का गुबार ऐ साकी |
______________हर्ष महाजन
No comments:
Post a Comment