Wednesday, June 4, 2014

चारों पहर उसकी तस्वीरों में हर्ज़ किया करता हूँ

...

चारों पहर उसकी...........तस्वीरों में हर्ज़ किया करता हूँ,
फिर वरक वरक उसे तहरीरों में.......दर्ज किया करता हूँ |
किस तरह खारिज होंगे उसके ख्वाब, अब मेरी आँखों से,
अब दर्द उसका अपनी...तकदीरों में मर्ज़ किया करता हूँ |


_________________हर्ष महाजन

No comments:

Post a Comment