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चारों पहर उसकी...........तस्वीरों में हर्ज़ किया करता हूँ,
फिर वरक वरक उसे तहरीरों में.......दर्ज किया करता हूँ |
किस तरह खारिज होंगे उसके ख्वाब, अब मेरी आँखों से,
अब दर्द उसका अपनी...तकदीरों में मर्ज़ किया करता हूँ |
_________________हर्ष महाजन
चारों पहर उसकी...........तस्वीरों में हर्ज़ किया करता हूँ,
फिर वरक वरक उसे तहरीरों में.......दर्ज किया करता हूँ |
किस तरह खारिज होंगे उसके ख्वाब, अब मेरी आँखों से,
अब दर्द उसका अपनी...तकदीरों में मर्ज़ किया करता हूँ |
_________________हर्ष महाजन
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