Sunday, June 1, 2014

गर तुम हो तो मेरी आहों में नज़र आओगी

...

गर तुम हो तो मेरी....आहों में नज़र आओगी,
मेरी आँखों से बन के....अश्क उतर आओगी ।
बेवफायी का सबब.....जब भी नज़र आएगा,
मेरी ग़ज़लों में खुद ही बन के असर आओगी ।

---------------हर्ष महाजन

No comments:

Post a Comment