Wednesday, September 4, 2013

चैन-ओ-सकूं जब भी दिल को सहलाने लगे


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चैन-ओ-सकूं जब भी दिल को सहलाने लगे,
फकत वही ख्वाब अब बिस्तर कहलाने लगे |

_______________हर्ष महाजन

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