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लकीरें हाथों की नसीबा पे असर रखती हैं ,
पाँव खाए है जो ठोकर वो खबर रखती है |
तू संभलकर जो चलेगा ये मुकद्दर ही सही,
ज़िन्दगी उसकी अमानत है उधर रखती है |
____________हर्ष महाजन
लकीरें हाथों की नसीबा पे असर रखती हैं ,
पाँव खाए है जो ठोकर वो खबर रखती है |
तू संभलकर जो चलेगा ये मुकद्दर ही सही,
ज़िन्दगी उसकी अमानत है उधर रखती है |
____________हर्ष महाजन
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