...
अपनी तस्वीर मैं फेसबुक पे, दिखा लूं तो चलूँ,
दिल के अरमान को उसमें मैं मिला लूं तो चलूँ |
काश इक दौर मोहब्बत का फकत मुझ पे चले,
फिर मैं उनको भी ग़ज़लों में सुना लूं तो चलूँ |
मुझको इक शौक सितमगर हों मिरे बहुत यहाँ,
फिर मैं ख़त उनके दरों से भी, उठा लूं तो चलूँ |
दिल के आईने में .. सजा ले कोई तस्वीर मेरी,
तलब इतनी कि मोहब्बत को मिटा लूं तो चलूँ |
काश सब भूल कर मुझ पर ही वसीयत कर लें,
फिर भरा जाम मैं होटों से..... लगा लूं तो चलूँ |
________________हर्ष महाजन
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