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कुछ तो अश्क ऐसे भी हैं जिनकी जुबां होती नहीं,
फिर कुछ लफ़्ज़ों से मोहब्बत भी बयां होती नहीं |
जब मिलेगा वो अलख प्यार तो रूह सब मांगेगी,
गर खुदा चाहे भी किस्मत में खिज़ां होती नहीं |
________________हर्ष महाजन
कुछ तो अश्क ऐसे भी हैं जिनकी जुबां होती नहीं,
फिर कुछ लफ़्ज़ों से मोहब्बत भी बयां होती नहीं |
जब मिलेगा वो अलख प्यार तो रूह सब मांगेगी,
गर खुदा चाहे भी किस्मत में खिज़ां होती नहीं |
________________हर्ष महाजन
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