दोस्तों से अनचाहे प्रश्न करने लगा है
ये मंच मुझे अजनबी लगने लगा है |
जुबां जो कभी चुप न थी अब खामोश है
ये सिलसिला दिल पत्थर करने लगा है |
ख्यालों में तस्वीर नज़र आती है उनकी
दिल बे-सबब दीवारों पे चलने लगा है |
वादा किया, और निभाएगा ये कहा उसने
क्या मालूम नयी चाल से छलने लगा है |
उनकी बातें जहरीले तीरों से कम न थी
यूँ लगा "हर्ष" जहन्नुम में पलने लगा है |
_________हर्ष महाजन
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