____________नज़्म ____________
किसी को तू मिली किसी के हिस्से तन्हाई
______________________________
ये मोहब्बत है तेरी माँ अभी भी जिंदा हूँ ,
तेरे सदके तेरे सदके तेरे सदके मेरी माँ |
मेरी दुनिया ही है रौशन तेरी यादों से यहाँ,
मन की आँखों से मैं देखूं तुझे हर पल मैं यहाँ |
ये हवाएं भी है दुश्मन चले आंधी की तरह ,
दीया मैं अब भी जलाता हूँ तू जलाए थी जहां |
मैं वो भूलूंगा कैसे दिन जो तूने दान दिए,
कफ़न को ओड़ के जो तूने मेरे काम किये
भीग जाती हैं ये पलकें कभी मैं तन्हा रहूँ ,
कुछ जो बातें अनकही हैं अब मैं किस से कहूँ ?
भंवर में कश्ती अब भी मेरी कभी आती है,
फलक से तेरी दुआ आज भी आ जाती है |
किसी को तू मिली किसी के हिस्से तन्हाई
मैं
घर में छोटा था मेरे हिस्से तेरी याद आई..|
ये मोहब्बत है तेरी माँ अभी भी जिंदा हूँ ,
तेरे सदके तेरे सदके तेरे सदके मेरी माँ |
_____________हर्ष महाजन
तेरे सदके तेरे सदके तेरे सदके मेरी माँ |
_____________हर्ष महाजन
No comments:
Post a Comment