Saturday, May 11, 2013

किसी को तू मिली किसी के हिस्से तन्हाई




____________नज़्म ____________

किसी को तू मिली किसी के हिस्से तन्हाई
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ये मोहब्बत है तेरी माँ अभी भी जिंदा हूँ ,
तेरे सदके तेरे सदके तेरे सदके मेरी माँ |

मेरी दुनिया ही है रौशन तेरी यादों से यहाँ,
मन की आँखों से मैं देखूं तुझे हर पल मैं यहाँ |

ये हवाएं भी है दुश्मन चले आंधी की तरह ,
दीया मैं अब भी जलाता हूँ तू जलाए थी जहां |

मैं वो भूलूंगा कैसे दिन जो तूने दान दिए,
कफ़न को ओड़ के जो तूने मेरे काम किये

भीग जाती हैं ये पलकें कभी मैं तन्हा रहूँ ,
कुछ जो बातें अनकही हैं अब मैं किस से कहूँ ?

भंवर में कश्ती अब भी मेरी कभी आती है,
फलक से तेरी दुआ आज भी आ जाती है |

किसी को तू मिली किसी के हिस्से तन्हाई
मैं घर में छोटा था मेरे हिस्से तेरी याद आई..|

ये मोहब्बत है तेरी माँ अभी भी जिंदा हूँ ,
तेरे सदके तेरे सदके तेरे सदके मेरी माँ |

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हर्ष महाजन

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