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जीयुं या न जीयूं अपने अहसास जगाता रहता हूँ ,
भंवर बने न बने समंदर में तूफ़ान उठाता रहता हूँ |
___________________हर्ष महाजन
जीयुं या न जीयूं अपने अहसास जगाता रहता हूँ ,
भंवर बने न बने समंदर में तूफ़ान उठाता रहता हूँ |
___________________हर्ष महाजन
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