...
बे-अदब से इन दिलों में है अँधेरा कहीं उजाला,
मैंने अपनों से जो पाया वही शब्दों में है ढाला |
बे-वफ़ा सी ज़िन्दगी ने जब छोड़ा मुझको तन्हा,
जो प्यार था मेरे दिल में अब बन गया है छाला |
_______हर्ष महाजन
बे-अदब से इन दिलों में है अँधेरा कहीं उजाला,
मैंने अपनों से जो पाया वही शब्दों में है ढाला |
बे-वफ़ा सी ज़िन्दगी ने जब छोड़ा मुझको तन्हा,
जो प्यार था मेरे दिल में अब बन गया है छाला |
_______हर्ष महाजन
No comments:
Post a Comment