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कितना असल ओ कितना सूद शेरों पे मेरे बाकी है,
पैमानों में नाप रहे वो , मसरूफ यहाँ हर साकी हैं |
__________________हर्ष महाजन
कितना असल ओ कितना सूद शेरों पे मेरे बाकी है,
पैमानों में नाप रहे वो , मसरूफ यहाँ हर साकी हैं |
__________________हर्ष महाजन
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