..
मेरी रग-रग में तेरा हुस्न बसा मेरी ग़ज़ल का तड़का जगह-जगह
कायनात भी रख दूं सदके तेरे , तेरे हुस्न का चर्चा जगह-जगह ।
__________________________ ________हर्ष महाजन ।
मेरी रग-रग में तेरा हुस्न बसा मेरी ग़ज़ल का तड़का जगह-जगह
कायनात भी रख दूं सदके तेरे , तेरे हुस्न का चर्चा जगह-जगह ।
__________________________
No comments:
Post a Comment