अब दिन के उजालों में शबनम हो नहीं सकती
कोई भी नार वफ़ा छोड़ हमदम हो नहीं सकती।
खुदा के नाम पर ये "हर्ष" शायरी करता रहेगा,
रहे गर्दिश में कोई सहर हरदम हो नहीं सकती ।
_______________हर्ष महाजन ।
कोई भी नार वफ़ा छोड़ हमदम हो नहीं सकती।
खुदा के नाम पर ये "हर्ष" शायरी करता रहेगा,
रहे गर्दिश में कोई सहर हरदम हो नहीं सकती ।
_______________हर्ष महाजन ।
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