...
कोई तो रोया उम्र भर ख़ुशी की चाहत में ,
कोई रोया ख़ुशी मिली दुखों की राहत में |
ये सिलसिला अजीब रोये कोई भरोसे को,
कोई रोया किसी पे ऐतबार की आदत में |
कोई मिला खुदा से खुद खुदा मिटाने को,
कोई मिला गुज़ार दी ता-उम्र इबादत में |
कोई तलाश-ए-इश्क-ए-ज़िंदगी सवालों में,
कोई करे न इंतज़ार किसी इज़ाज़त में |
कोई किरदार खता में भी वफ़ा निभाता है,
कोई बिता गया ता-उम्र यूँ शिकायत में |
_________________हर्ष महाजन
कोई रोया किसी पे ऐतबार की आदत में |
कोई मिला खुदा से खुद खुदा मिटाने को,
कोई मिला गुज़ार दी ता-उम्र इबादत में |
कोई तलाश-ए-इश्क-ए-ज़िंदगी सवालों में,
कोई करे न इंतज़ार किसी इज़ाज़त में |
कोई किरदार खता में भी वफ़ा निभाता है,
कोई बिता गया ता-उम्र यूँ शिकायत में |
_________________हर्ष महाजन
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