Wednesday, October 10, 2012

ये दुआ है कि खुदा से तुझे कोई गम ही न हो

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ये दुआ है कि खुदा से तुझे कोई गम ही न हो 
हों तुझे खुशियाँ हजारों चाहे वहाँ हम ही न हों |

लिखा कलाम आज खूब तेरे जनम-दिन पर,
ग़ज़ल में रक्खे नहीं शेर जिनमें दम ही न हो |

तुम्ही हो फूल वो गुलशन में महका करता है,
मेरी दुआ है कोई खार अब तेरे संग ही न हो |

जन्म-दिन तेरा पर फ़रिश्ते भी फख्र करते हैं ,
मेरी नजर उड़ा दूं उसको जिसके ख़म ही न हो |

फलक पे चाँद भी झूमे है बन के साकी पर 
कहे वो बज़्म क्या शामिल जहां पे रम ही न हो |



_____________हर्ष महाजन

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