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रावण आजकल सोसायीटियों में भी पनपने लगे हैं,
शायद इसीलिए 'राम' जगह-जगह धमकने लगे हैं |
छुप-छुप कर करते हैं वार पर शून्य में बदल जाते हैं
क्यूंकि विभीषण भी अब घर-घर में टपकने लगे हैं |
_____________________हर्ष महाजन |
_____________________हर्ष महाजन |
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