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उजाले अपनी यादों के दिल के किसी कोने में रह लेने दो,
न जाने किस वक़्त वो टीस दे दे, उन्हें यूँ ही बह लेने दो |
दुश्मन तो बहुत हैं ज़माने में ओ जमकर दुश्मनी भी करेंगे
मगर उसे करो तो यूँ करो कि दोस्ती की गुंजाइश रह लेने दो |
_______________हर्ष महाजन
उजाले अपनी यादों के दिल के किसी कोने में रह लेने दो,
न जाने किस वक़्त वो टीस दे दे, उन्हें यूँ ही बह लेने दो |
दुश्मन तो बहुत हैं ज़माने में ओ जमकर दुश्मनी भी करेंगे
मगर उसे करो तो यूँ करो कि दोस्ती की गुंजाइश रह लेने दो |
_______________हर्ष महाजन
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