अमेरिका से वापिसी का इक लम्बा सफ़र .............
गम-ओ-खुशी का सफ़र मुबारक हो मोनिका महाजन अरोड़ा और कंवलजीत अरोड़ा जी |
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घर की यादें एलान कर दीं,
रिश्तों में तूने जान भर दी |
भईया की उल्फत में दम था
पापा की आज आँखें नम थीं |
हवेली तूने आबाद कर दी ,
नए गीतों की इरशाद कर दी |
मम्मी के अरमानों पे तुमने
कसम से इक अहसान कर दी |
तेरी खुशी अब शहर-शहर में
सबने मिल के एलान कर दी |
'हर्ष' के दिल से बा-दम इबारत
ज़मीन-ए-हिंद पे कदम मुबारक |
गम उनका है जो छोड़ आये वहाँ पर
कुछ तो गलियाँ वीरान कर दीं |
घर की यादें एलान कर दीं,
रिश्तों में तूने जान भर दी |
__________हर्ष महाजन |
भईया की उल्फत में दम था
पापा की आज आँखें नम थीं |
हवेली तूने आबाद कर दी ,
नए गीतों की इरशाद कर दी |
मम्मी के अरमानों पे तुमने
कसम से इक अहसान कर दी |
तेरी खुशी अब शहर-शहर में
सबने मिल के एलान कर दी |
'हर्ष' के दिल से बा-दम इबारत
ज़मीन-ए-हिंद पे कदम मुबारक |
गम उनका है जो छोड़ आये वहाँ पर
कुछ तो गलियाँ वीरान कर दीं |
घर की यादें एलान कर दीं,
रिश्तों में तूने जान भर दी |
__________हर्ष महाजन |
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