Tuesday, August 12, 2014

जब मिलें फुरसतें कुछ अपनी कहानी लिखना



...

जब मिलें फुरसतें कुछ......अपनी कहानी लिखना,
होंगे अफ़साने नए................बातें पुरानी लिखना |
फिर किताबों में तेरा..........फूल छुपाने का हुनर,
जब भी लिखना उसे भर-भर के जवानी लिखना |

_______________हर्ष महाजन

No comments:

Post a Comment