...
जो दुखे नहीं वो दिल नहीं,
जो जले नहीं साहिल नहीं |
कभी भूलकर भी भूल सकूं,
इतना भी मैं संगदिल नहीं |
दिल की वफ़ा नापेगा कौन,
मुझ सा कोई, कातिल नहीं |
मुझको यकीं नहीं इश्क पर,
कभी हो सका, हासिल नहीं |
कैसे सुनूं, दिल की धड़कने,
कभी हो सका दाखिल नहीं |
________हर्ष महाजन
.
एक तरही ग़ज़ल
जो दुखे नहीं वो दिल नहीं,
जो जले नहीं साहिल नहीं |
कभी भूलकर भी भूल सकूं,
इतना भी मैं संगदिल नहीं |
दिल की वफ़ा नापेगा कौन,
मुझ सा कोई, कातिल नहीं |
मुझको यकीं नहीं इश्क पर,
कभी हो सका, हासिल नहीं |
कैसे सुनूं, दिल की धड़कने,
कभी हो सका दाखिल नहीं |
________हर्ष महाजन
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एक तरही ग़ज़ल
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