Sunday, August 3, 2014

यूँ मोहब्बत तो मुझे.....दिल पे गुनाह लगता



...

यूँ मोहब्बत तो मुझे दिल पे गुनाह लगता है,
कम्बखत दिल है ये...उसकी ही पनाह लगता है |
नाम लिख लो इक मोहब्बत के दीवानों में कहीं,
दिल तो ज़ख़्मी है मगर उसपे फनाह लगता है |

_____________हर्ष महाजन

No comments:

Post a Comment